एक था राजा, एक थी रानी… दोनों हार गए खत्म कहानी.. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकारों की पोस्ट
Ek tha raja, ek tha rani... both lost





आम आदमी पार्टी (AAP) की सियासी हालत खराब नजर आ रही है। पंजाब (Punjab) के नगर निगम चुनाव (Municipal Corporation Election) में पूर्ण बहुमत न मिलने से AAP अब जोड़तोड़ में लगी है। जालंधर के वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने फेसबुक (Facebook) वाल पर इसपर दिल खोलकर लिखा है।
केसरी ग्रुप के वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी खुराना अपने फेसबुक वाल पर लिखते हैं कि ‘सरकार का पूरा इस्तेमाल करके भी आम आदमी पार्टी लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और फगवाड़ा नगर निगम में बहुमत नहीं जुटा पाई। तीन साल में 92 MLA तेज गति से एंटी इनकंबेंसी की ओर बढ़ रहे हैं। फ़रवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव भी आप के लिए चुनौती दिख रहे हैं। 2027 में पंजाब में फिर विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में बदलाव तो अब आता दिख रहा है ….

दैनिक सवेरा के स्टेट ब्यूरो चीफ और वरिष्ठ पत्रकार रविंदर शर्मा ने AAP नेता व पूर्व मेयर जगदीश राजा और उनकी पत्नी पूर्व डिप्टी मेयर अनीता राजा की हार पर लिखा है कि Ek Tha RAJA… EK Thi RANI… Dono Haar gaye Khatam Kahani….

इसके साथ ही रविंदर शर्मा ने कांग्रेस छोड़ AAP ज्वाइन कर चुनाव में करारी हार का सामना करने वाले पूर्व मेयर जगदीश राजा के लिए लिखा… कि RD (Rajeev Dhingra ban Gya RAJA ke liye RDX. Weldone)। आपको बता दें कि भाजपा के युवा नेता राजीव ढींगरा ने पूर्व मेयर जगदीश राजा को करारी शिकस्त दी है।

अमर उजाला ग्रुप के वरिष्ठ पत्रकार सुरिंदर पाल ने लिखा है कि ‘जालंधर में पार्षद चुनाव में एक सीट पर एक करोड़ खर्च… 2027 विधानसभा में क्या हाल होगा?

सुरिंदर पाल ने अपने एक और पोस्ट में लिखते हैं कि ‘राजा वी हार गया रानी वी हार गयी अचानक रात को घोड़ा ढ़ाई कदम ल पड़ा… मत पूछना घोड़ा कौन है और कहां से आ गया?

वरिष्ठ पत्रकार निखिल शर्मा लिखते हैं कि ‘आप का आंकड़ा यदि 38 तक ही सीमित है तो मेयर जालंधर west से ही होगा, आप में गए एक बड़े कारोबारी ने करीब 10 दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों के चुनाव स्पोंसर किए है ऐसी जानकारी सामने आई है। इनमें एक आजाद भी था जो हार गया।
बताया जा रहा है उक्त नेता ने अपने साथियों के साथ आप ज्वाइन करते हुए ही यह ऑफर की थी कि यदि 5 पार्षद हाउस बनाने में कम आए तो उनका समर्थन वो लाएगा। उक्त कारोबारी पार्षद को उसके नजदीकी भाजपा के जालंधर west के एक पार्षद, जालंधर सेंट्रल से जीते उसके दोस्त पार्षद, एक अन्य में जीते पार्षद और वेस्ट से जीती एक कांग्रेसी पार्षद का क्रॉस वोटिंग समर्थन मिलने की संभावना लगभग तय है।

यदि आप 40 तक आती है तो उसे तीन पार्षदों की जरूरत है और वो लगभग उसके पास है। इसके अलावा उक्त कारोबारी सर्वे का भी माहिर है इसलिए जिन वार्ड के सर्वे में उसके करीबी जीत दूसरी पार्टियों से या आजाद मजबूत दिख रहे थे उनके साथ उसने पहले से ही मजबूत रिश्ते बना लिए थे।