
इंसानों की शव यात्रा कई खबरें रोचक आपने पढ़ी होगी, आज हम आपको जानवर की विधि विधान से निकाली गई शव यात्रा की खबर से रूबरू करवा रहे हैं। दरअसल पशु प्रेमी विशुनदेव प्रसाद का घोड़ा कई दिनों से बीमार चल रहा था।
अचानक घोड़े की मौत हो गई। आइए जानते हैं पूरा मामला
बिहार के नालंदा जिले की घोड़े की शव यात्रा का वीडियो देखने के बाद लोग तारीफ़ करते नहीं थक रहे हैं। बिहार शरीफ के पतुआना गांव के रहने वाले विशुनदेव प्रसाद अपने पशु प्रेम की वजह से सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन्होंने बताया कि घोड़ा पालने और उसकी सवारी का बहुत ही ज़्यादा शौक था।
विशुनदेव प्रसाद ने अपने शौक को पुरा करने के लिए घोड़ा खरीदा, बाद में उन्होंने इसे अपने पेशे से भी जोड़ लिया। घोड़े की खिदमत में वह दिन रात लगे रहते थे। परिवार के सदस्य की तरह घोड़ा भी उनके लिए काफी अहमियत रखता था। घोड़ा भी अपने मालिक का मुरीद बन गया।
घोड़ा अपने मालिक की हर बात मानने लगा, धीरे-धीरे मालिक और जानवर की बॉन्डिंग की चर्चा पूरे इलाके में होने लगी। विशुनप्रसाद ने बताया कि उन्होंने सोनपुर मेले से घोड़ा को खरीदकर लाया था। कुछ दिनों से घोड़े की तबीयत ठीक नहीं थी,अचानक उसकी मौत हो गई।
घोड़े की मौत के बाद विशुनदेव प्रसाद ने परिवार के सदस्य की तरह पूरे विधि विधान से घोड़े की ढोला नगाड़े के साथ गांव में शव यात्रा निकाली। पशुपालक ने अपने पैतृक गांव से ठेले पर लादकर विशुनपुर ले गए, वहा बुल्डोजर से गड्ढा कर घोड़े को दफना दिया गया। घोड़े की शव यात्रा में मालिक ही नहीं बल्कि गांव के लोगों ने भी शिरकत की।
पशुपालक विशुनदेव प्रसाद ने बताया कि उन्हें घोड़ा पालने का बहुत शौक है। कई साल पहले शौक को पूरा करने के लिए सोनपुर से घोड़ा खरीदकर लाया था। घोड़े के साथ काफी गहरी दोस्ती हो गई थी। उन्होंने वादा किया था घोड़े की मौत होगी तो पूरे विधि विधान से शव यात्रा निकालेंगे।