
जंग-ए-आजादी स्मारक मामले, हाईकोर्ट में सीनियर जर्नलिस्ट बरजिंदर सिंह हमदर्द को राहत भी है और झटका भी
पंजाब के जंग-ए-आजादी स्मारक मामले को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सीनियर जर्नलिस्ट बरजिंदर सिंह हमदर्द को राहत भी है और झटका भी है। राहत यह है कि विजिलेंस को कोई भी कार्रवाई करने से पहले बरजिंदर सिंह हमदर्द को बताना होगा। गिरफ्तारी से पहले भी सात दिन नोटिस देना होगा। झटका यह है कि मामले की सीबीआई जांच की मांग को कोर्ट ने नकार दिया है।
देर रात अपलोड हुए कोर्ट के ऑर्डर में हाईकोर्ट के जज जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कहा कि इस मामले की जांच को लेकर विजिलेंस की टाइमिंग गलत है। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि बरजिंदर सिंह हमदर्द ने 300 करोड़ से बने जंग-ए-आजादी की विजिलेंस जांच पर शंका जताई है कि विजिलेंस गलत जांच कर रही हैं। मान भी लिया जाए कि विजिलेंस की जांच सही है, लेकिन फिर भी इसकी टाइमिंग सवालों के घेरे में है।जज जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने एक और मौखिक तल्ख टिप्पणी पंजाब में गिरफ्तारियों को लेकर की है। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में एक रिवाज ही चल पड़ा है। पंजाब के थानों में लोगों को भी जांच के लिए बुलाया जाता है। वहीं पर जांच के दौरान ही FIR दर्ज कर थाने में ही उसे वहीं पर गिरफ्तार कर लिया जाता है।
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