
जालंधर, एच एस चावला।
श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर में श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला। देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं ने नतमस्तक होकर बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। सोढल मेले की शुरुवात कल झंडा रस्म व हवन यज्ञ के साथ की गई थी, लेकिन मंदिर में माथा टेकने हेतु श्रद्धालुओं की भीड़ उससे पहले ही लगनी शुरू हो गई थी। रात्रि 12 बजे के बाद आनंद चौदस शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं की लाइनें लग गई।
गौरतलब है कि इस मंदिर में लोगों की अथाह आस्था है, जिसके चलते इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी होने, घरों में खुशियां आने और वंश वृद्धि की कामना पूरी होने पर ढोल बाजों के साथ झूमते हुए मंदिर में माथा टेकने के लिए आते हैं। जिन श्रद्धालुओं की बच्चों की मुराद पूरी होती है, वह बच्चों को साथ लाकर उनसे दूध चढ़ाते है।
पुलिस प्रशासन द्वारा इस मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर वर्दी व सिविल ड्रेस में पुलिस फोर्स तैनात की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित ना हो सके। बुरे व शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए 45 सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं, जिनका कंट्रोल रूम भी मेले में ही बनाया गया है। जिस दौरान हर समय पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मेले पर पूरी नजर रखी जा रही है।
माथा टेकने आए श्रद्धालुओं को भी मंदिर परिसर में सीधी एंट्री नहीं दी जा रही है। मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस ने मैटल डिटेक्टर बैरियर लगाए गये हैं, जिसमें से श्रद्धालुओं को गुजारने के बाद एक बार फिर से खुद मैटल डिटेक्टर से श्रद्धालुओं को चैक करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। मंदिर परिसर में भी पुलिस तैनात है जो हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही है।
मेले की शोभा को बढ़ाते हुए यहाँ हर प्रकार की दुकानें लगाई गई हैं, जिनमे खिलौनों से लेकर घरों की सजावट का समान सजाया गया है। मेले में दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु दशहरा-दीपावली से पूर्व ही घरों में सजावट का सामान के साथ अन्य सामान की खरीदारी करते हैं।
इसके साथ ही मेले में मनोरंजन के लिए अलग अलग तरह के झूले लगए गये हैं, जहां लोग अपने बच्चों के साथ झूलों का आनंद लेते हैं। झूलों को भी रंग-बिरंगी रोशनियों के साथ सजाया गया है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
मेले में विभिन्न संस्थाओं व श्रद्धालुओं द्वारा कई प्रकार के खाने पीने के व्यजंनों के लंगर भी लगाए गये। मंदिर की प्रबंधक कमेटी द्वारा आए अतिथियों को सिरोपे व स्मृति चिन्ह देकर सन्मानित किया गया।









