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पंजाब सरकार की तरफ से रविवार को करवाई गई पंजाब राज्य शिक्षक एलिजिबिलिटी टेस्ट (PSTET) विवादों में आ गई है। सोशल स्टडीज के पेपर में 60 में से 57 उत्तर हाइलाइट किए गए। जिसके बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कार्रवाई करते हुए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के 2 प्रोफेसरों को सस्पेंड कर दिया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने आदेश देकर कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रो. हरदीप सिंह और इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. रविंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। वहीं मुख्यमंत्री ने दोनों प्रोफेसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं।
मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सुबह ट्वीट करके जानकारी दी थी- GNDU ने खेद व्यक्त किया है और बिना किसी शुल्क के परीक्षा फिर से आयोजित करेगा। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए मैंने अपने विभाग को आदेश दिए हैं कि तीसरी पार्टी के साथ MOU साइन करते समय उम्मीदवारों के मुआवजे का क्लॉज भी रखा जाए। इसमें परीक्षार्थियों को परेशानी क्यों हो।
वहीं दूसरी तरफ, पंजाब सरकार पर प्रश्न पत्र के पंजाबी में अनुवाद पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। एक तरफ सरकार मां बोली को प्रमोट करने के लिए कई मापदंड तय कर रही है, वहीं दूसरी तरफ PSTET परीक्षा में कई विषयों की उत्तर पत्रिका में पंजाबी अनुवाद ही गलत था। परीक्षा देने गए एक परीक्षार्थाी ने बताया कि पंजाबी भाषा में अनुवादित प्रश्नों में कई गलतियां थीं। गलत शब्दों के अलावा, संदर्भ, अर्थ और वाक्यांशों का उपयोग सही नहीं था। पंजाब में रहते हुए ऐसी गलतियां शर्मसार करने वाली हैं।मंत्री हरजोत बैंस ने कहा है कि हमारी परीक्षा प्रक्रिया में पूर्ण निष्पक्षता बनाए रखने के लिए, ए++ एनएएसी ग्रेड यानी जीएनडीयू के साथ तीसरे पक्ष द्वारा आयोजित पीएसटीईटी परीक्षा की जांच के लिए PS स्तर की जांच का आदेश दिया गया है।