




सिडनी के एक उपनगर में सरकारी आवास में पेंशन के भरोसे गुजर-बसर करने वाली मां के इकलौते बेटे एंथनी अल्बानीस आज ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच गए हैं.
वह ऑस्ट्रेलिया (Australia Elections) के बहु-सांस्कृतिक समाज के नायक भी हैं. उन्होंने अपने आप को 121 वर्षों में प्रधानमंत्री पद के लिए ग्रामीण जातीय अल्पसंख्यक (नॉन-एंग्लो सेल्टिक) समुदाय का इकलौता उम्मीदवार बताया है. उनके दोस्त उन्हें अल्बन-इज बुलाते हैं. वह विजयी भाषण के दौरान सीनेटर पेनी वोंग के साथ मंच पर आए, जो विदेश मंत्री बनेंगी. वोंग के पिता मलेशियाई-चीनी है और मां ऑस्ट्रेलियाई.
अल्बानीस ने कहा, मुझे लगता है कि यह अच्छा है. नॉन-एंग्लो सेल्टिक उपनाम का व्यक्ति प्रतिनिधि सभा का नेता है और वोंग जैसे उपनाम की नेता सीनेट में सरकार की नेता हैं. अल्बानीस ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भारी कमी लाने के साथ जलवायु परिवर्तन में पिछड़ने पर ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय साख सुधारने का वादा किया है. पिछले प्रशासन ने 2015 में पेरिस समझौते में किए वादे पर अड़े रहने की प्रतिबद्धता जतायी थी यानी 2030 तक 2005 के स्तर से 26 से 28 प्रतिशत कम. अल्बानीस की लेबर पार्टी ने 43 प्रतिशत की कटौती का वादा किया है.
अल्बो के नाम से जाने जाते हैं एंथनी
उपनगर कैम्परडाउन में सरकारी आवास में पले-बढ़े अल्बानीस की आर्थिक स्थिति ने उन्हें एक ऐसा नेता बनाया, जिसने 2007 के बाद से पहली बार मध्य-वाम ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी को सत्ता तक पहुंचा दिया. उन्हें उनके बचपन के उपनाम अल्बो के नाम से जाना जाता है. अल्बानीस ने शनिवार को अपने चुनावी विजयी भाषण में कहा, यह हमारे महान देश के बारे में बहुत कुछ कहता है कि एक पेंशनभोगी अकेली मां का बेटा जो कैंपरडाउन में सार्वजनिक आवास में पला-बढ़ा, वह आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा हो सकता है.
उन्होंने कहा, हर माता-पिता अगली पीढ़ी के लिए ज्यादा चाहते हैं. मेरी मां ने मेरे लिए एक बेहतर जिंदगी का सपना देखा था और मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को सितारों की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी. उल्लेखनीय है कि अल्बानीस ने छह हफ्तों के अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अभावों में बीते अपने बचपन से मिली सीख का कई बार जिक्र किया. ऑस्ट्रेलिया में 1960 के दशक में रूढ़िवादी समाज में अल्बानीस को नाजायज ठहराने से बचाने के लिए उन्हें बताया गया कि इटली के उनके पिता कार्लो अल्बानीस की उनकी मां मैरियाने एलेरी से यूरोप में शादी के बाद कार दुर्घटना में मौत हो गई थी.
उनकी मां ने उन्हें तब सच्चाई बतायी जब वह 14 साल के थे कि उनके पिता की मौत नहीं हुई और उनके माता-पिता ने कभी शादी नहीं की थी. वे दोनों 1962 के दौरान एक विदेश यात्रा में एक जहाज पर मिले थे. अपनी मां की भावनाओं को आहत न करने के डर से अल्बानीस ने 2002 में उनकी मृत्यु के बाद अपनी पिता की तलाश की. वह दक्षिण इटली के बारलेटा में 2009 में अपने पिता से मिले

