जालंधर (व्यूरो ): जैसे 1 साल में कुछ गिनी चुनी ऋतुएं होती हैं वैसे ही चुनावी मौसम में कई रंग होते हैं। इन रंगों की कोई गिनती नहीं होती। ये रंग एक नेता पर चढ़ते और दूसरे पर उतरते रहते हैं। कब कौन कहां किसका साथ दे या साथ छोड़ दे मतदान के दिन तक पता नहीं होता। अब जैसे 2022 चुनाव की बात करें तो 20 फरवरी को मतदान होना है। इस सबके बीच जालंधर नॉर्थ हलके की सियासत भी बाकी सीटों की तरह गरमाई हुई है। यहां पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस विधायक बावा हैनरी और भाजपा के केडी भंडारी के बीच है। केडी भंडारी पिछली बार चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में भंडारी को उन चेहरों का साथ मिला है जो पिछले चुनाव में भाजपा का साथ छोड़ गए थे। इनमें से एक चेहरा है किशन लाल शर्मा का। किशन लाल वही शख्स हैं जिन्होंने पिछली बार एक जनसभा में कहा था कि लमरेटा स्कूटर पर सवार भंडारी ने जब उनसे समर्थन मांगा था तो उन्हें साथ तो दे दिया लेकिन जब वह भंडारी के घर पहुंचे तो भंडारी 3 लाख की कुर्सी पर बैठे थे यानि किशन लाल ने साफ शब्दों में कहा कि भंडारी दिखते कुछ और हैं और अंदर कुछ और हैं। किशन लाल ने उस जनसभा में साफ साफ शब्दों में कहा था कि भंडारी के 10 साल के कार्यकाल मेंं नार्थ हलके में जमकर चिट्टा बिका, स्नेचिंग हुईं और कब्जे किए गए। इन बातों को बताकर किशन लाल ने भंडारी पर सीधा निशाना साधा था। अब किशन लाल बेशक भाजपा में वापस आ गए हैं लेकिन उनकी पिछले चुनाव की वीडियो वायरल हो रही है और वो वीडियो भंडारी की छवि को लेकर कई सवाल खड़े कर रही है। अब इस वीडियो को भूल जाएं तो पूर्व एसीपी बिमलकांत का नाम सामने आता है जिन पर आरोप लगते रहे हैं कि केडी भंडारी के विधायकी काल में उन्होंने मौजें की। इन मौजों की दाल कितनी काली है ये आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन बिमलकांत की राह अब आसान नहीं दिखती।

