



जालंधर (व्यूरो ): पूरे जिला जालंधर की 9 सीटों पर मुकाबला रोचक होता जा रहा है। अब आखिरी ओवरों का मैच बचा है और इन्हीं ओवरों में मैच का रुख पता चल जाएगा। नॉर्थ विधानसभा हलके की बात करें तो ये आखिरी ओवर भाजपा प्रत्याशी केडी भंडारी के लिए महंगे साबित हो रहे हैं। भंडारी को रोज चुनावी झटके लग रहे हैं। ये झटके उनके करीबियों द्वारा उन्हें छोड़े जाने के हैं। सोमवार को जब केडी भंडारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच पर हंस रहे थे उसी समय उनके अपने ही हलके में उनकी ही पार्टी के पुराने साथी ने कमल का दामन छोड़ दिया। दरअसल भाजपा के स्पोट्र्स सेल के जिला प्रधान गुरप्रीत रॉकी भाजपा को अलविदा कह दिया। उनके साथ अंगद सिंह, प्रभजोत, होनी, डिंपा, काला, गगनदीप सिंह ने भी पार्टी छोड़ दी। गुरप्रीत रॉकी ने बताया कि वह भाजपा की गलत नीति के कारण पार्टी को बॉय बॉय बोलने को मजबूर हुए। अब ये तो हुई सियासी झटके की बात। रॉकी का जाना जहां केडी भंडारी के लिए महंगा साबित हो सकता है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी बावा हैनरी के चुनाव प्रचार ने गति पकड़ ली है और बावा की बैठकें रैलियों में तब्दील होती जा रही हैं। अवतार हैनरी का अनुभव और बावा की युवा सोच का मिश्रण कांग्रेस के हाथ मजबूत करती जा रही है। अगर भंडारी के नुकसान की बात करें तो हाल ही में दिनेश भंडारी के धमाकेदार भाषण ने उनकी पोल खोल दी थी वहीं पूर्व एसीपी बिमलकांत का पकड़ा जाना भी भंडारी की मुश्किलें खड़ी कर सकता है। दरअसल राकी राठाैर गुट के माने जाते हैं उनका भाजपा छोड़ना इस बात का संकेत है कि भंडारी कमजोर होने शुरू हो गए हैं क्योंकि राकेश राठाैर व भंडारी की पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है।

