




जालंधर (एस के वर्मा ): राष्ट्रीय कानूनी सेवाए अथारिटी और पंजाब कानूनी सेवाए अथारिटी के निर्देशों अनुसार ज़िला और सैशनज़ जज -कम -चेयरमैन ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी, जालंधर रुपिन्दरजीत चहल के में ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी, जालंधर की तरफ से आज जुडीशियल अदालतों में लम्बित दीवानी, वैवाहिक झगड़े, मोटर दुर्घटना दावा केस, बिजली कानून के कम्पाऊंडेबल, ट्रैफ़िक चालान और फ़ौजदारी के समझौता हो सकने वाले मामलों और अन्य संस्थानों जैसे बैंकों, बिजली विभाग, भारत संचार निगम और वित्तीय संस्थानों के प्रीलिटीगेटिव मामलों का फ़ैसला राज़ीनामे के द्वारा करवाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। जानकारी देते ज़िला और सैशनज़ जज ने बताया कि ज़िला जालंधर में 20, नकोदर में 2 और फिल्लौर में 2 कुल 24 बैंच स्थापित किए गए थे, जिनमें उपरोक्त श्रेणियों के साथ सम्बन्धित कुल 10,957 केस सुनवाई के लिए रखे गए थे। इनमें से 3648 मामलों का निपटारा मौके पर ही राज़ीनामे के द्वारा करवाया गया। उन्होंने बताया कि इन मामलों में कुल रुपए 251568302 /-(25 करोड़ 15 लाख 68 हज़ार 302 रुपए) के झगड़े खत्म किए गए। जालंधर में लगाए गए 20 बैंच का निरीक्षण ज़िला और सैशनज़ जज की तरफ से किया गया। उनके साथ डा. गगनदीप कौर, सी.जे एम. कम सचिव ज़िला कानूनी सेवाए अथारिटी जालंधर और अमित कुमार गर्ग, सी.जे.एम. जालंधर भी मौजूद थे। लोक अदालतों की महत्ता सम्बन्धित जानकारी देते ज़िला और सैशनज़ जज रुपिन्दरजीत चहल ने बताया कि लोक अदालतों का उदेशय लोगों को जल्दी और सस्ता न्याय दिलाना है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का फ़ैसला अंतिम होता है और इसके फ़ैसले ख़िलाफ़ कहीं भी अपील नहीं की जा सकती। अदालतों के द्वारा झगड़ों का फ़ैसला होने साथ कोई पक्ष हारता नहीं बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है। उन्होंने आगे बताया कि लोक अदालतों के द्वारा फ़ैसले करवाने के साथ धन और समय की बचत होती है और भाईचारा भी बढ़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि आगे वाली राष्ट्रीय लोक अदालत 13.08.2022 को जालंधर नकोदर और फिल्लौर में लगाई जाएगी। जो लोग अपने अदालती झगड़ों का निपटारा लोक अदालत के द्वारा करवाना चाहते हैं, वह अपना आवेदन सम्बन्धित अदालत को दे सकते है इस लोक अदालत की विशेषता यह रही कि इस लोक अदालत में 138 एन.आई एक्ट के चैक बाऊंस के 1मामले में 1करोड़ 20 लाख रुपए की रकम का समझौता हुआ है। एक अन्य केस में एक बुज़ुर्ग औरत की तरफ से अपने बहु और पुत्र खिलाफ दी गई खर्च के आवेदन पर दोनों पक्षों की सहमति के साथ बुज़ुर्ग औरत को बहु पुत्र की तरफ से 3000 रुपए प्रति महीना खर्चा लगाया गया। इसी तरह एक अन्य केस में चोलामंडलम फाईनैंस कंपनी की तरफ से दायर किए गए केस में दोनों पक्षों की सहमति के साथ 40 लाख रुपए देने का समझौता करवाया गया इस मौके सी.जे.एम. डा. गगनदीप कौर बताया कि कानूनी सेवाएं अथारिटी की तरफ से समय -समय पर यह लोक अदालते लगाई जाती है, जिससे आपसी बातचीत के द्वारा समझौता हो कर सभ्यक हल के द्वारा झगड़े का निपटारा किया जा सके। लोक अदालत में मामला लगवाने के लिए और कानूनी सेवाओं की अन्य सुविधाओं के बारे जानकारी लेने के लिए पंजाब कानूनी सेवाए अथारिटी के टोल फ्री नंबर 1968 पर संबंध किया जा सकता है।

