डीएवी यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म स्टूडेंट्स ने गूगल से सीखे फॉल्स न्यूज़ डिटेक्ट करने के गुर

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    DAV यूनिवर्सिटी के Journalism students ने Google से सीखे fake news डिटेक्ट करने के गुर

    जालंधर, 19 अक्टूबर/ SS Chahal दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स से ग्रेजुएट – ख्याति कोहली – ने डीएवी यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता और जनसंचार की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए गूगल टूलस के माध्यम से फैक्ट चैक करने के तरीके बताये। गूगल न्यूज इनिशिएटिव इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को फाल्स न्यूज की जांच करने के लिए सक्षम बनाना था। ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ट्रू स्कूप की प्रबंध निदेशक ख्याति ने कहा कि जर्नलिज्म स्टूडेंट्स फेक न्यूज़ से निपट सकते हैं और भ्रामक डेटा को सत्यापित कर सकते हैं। ख्याति कोहली, जिन्होंने 20 साल की उम्र में एक उपन्यास द शेम ‘स  ऑन यू भी लिखा था, ने कहा कि फोटो लोगों के दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं।  लोग किसी भी देखि गयी चीज पर अधिक विश्वास करते हैं। टेक्नोलॉजी ने नकली चित्र बनाना आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि जिन ऑनलाइन पोस्टस  में टेक्स्ट और विजुअल का इस्तेमाल किया जाता है, उन पर टेक्सटुअल मिसइंफॉर्मेशन की तुलना में अधिक विश्वास किया जाता है। उदाहरण देते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मूल और हेरफेर की गई छवियों के बीच अंतर करना मुश्किल होता है। गलत सूचना का पता लगाया जा सकता है।  तीन चरणों वाली विज़ुअल जाँच किसी भी शरारत का पता लगाने में मदद कर सकती है। “निकट से देखें, तस्वीर के विभिन्न हिस्सों को ज़ूम करें और संभावित चीजों की एक सूची बनाएं जो आप ऑनलाइन खोज में झूठ पकड़ सकते हैं।” उन्होंने सुझाव दिया की फैक्ट चेक के लिए उपयुक्त कीवर्डस का उपयोग करें। गूगल लेंस जैसे कई टूल भी नकली समाचार

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