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मेडिकल कालेज में 24 साल की डॉक्‍टर ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा

गांधी मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की पीजी डाक्टर 24 वर्षीय आकांक्षा माहेश्वरी ने बुधवार काे छात्रावास के कमरे में खुदकुशी कर ली।

उन्हाेंने बेहोशी की दवा के एक साथ चार इंजेक्शन लगाकर जान दे दी। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने लिखा कि मैं इतनी मजबूत नहीं हूं। स्ट्रेस नहीं झेल पा रही।

आखिरी बार सुबह सात बजे उन्हाेंने अपने विभाग में फाेन कर तबीयत खराब रहने के कारण ड्यूटी पर नहीं आने की बात कही थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कोहेफिजा टीआइ विजय सिंह सिसाेदिया ने बताया कि मूलत: ग्वालियर निवासी आकांक्षा माहेश्वरी जीएमसी में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की फर्स्ट ईयर में थीं। सुबह उन्होंने अपने डिपार्टमेंट में फोन कर बताया था कि उसकी तबियत खराब है। ड्यूटी में नहीं आएगी।

सुबह से छात्रावास के उनके कमरे का दरवाजा बंद था। शाम लगभग साढ़े सात बजे को सुरक्षा गार्ड को दरवाजा नहीं खुलने पर शक हुआ। उसने स्टाफ के लाेगाें काे इस बात की जानकारी दी। स्टाफ ने देखा कि आकांक्षा हास्टल में बेसुध हालत में पड़ी हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा किसी तरह खुलवाया। चेक करने के बाद डाक्टर ने आकांशा काे मृत घाेषित कर दिया।

स्वजन को भेजी सूचना

कोहेफिजा पुलिस ने कमरे की तलाशी लेने के बाद सुसाइड नोट बरामद किया है जिसे जांच में शामिल कर लिया गया है। साथ ही चार इंजेक्शन और सीरिंज भी बरामद की है। थाना प्रभारी सिसोदिया ने बताया कि आकांक्षा माहेश्वरी के परिजनों को घटना की जानकारी दी दी गई है। शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। गुरुवार को आकांक्षा के स्वजन की मौजूदगी में पाेस्टमार्टम कराया जाएगा। इस मामले में आकांक्षा के साथ रहने वाले विद्यार्थियों से भी बातचीत की जा रही है।

पुलिस को मौके से आकांक्षा का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने लिखा है कि वह इतनी मजबूत नहीं है और इतना स्ट्रेस नहीं झेल पा रही है। आकांक्षा ने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता और दोस्तो से भी माफी मांगी है। उसने लिखा है कि अपनी निजी कारणों से वह जान दे रही है।

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