
उत्तर प्रदेश में इन दिनों में एक साथ कई लेडी डॉन की तलाश कर रही है.
उसे अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश तो है ही, साथ ही एक और मोस्ट वांटेड लेडी डॉन की खोजबीन की जा रही है, जिसका नाम है-
दीप्ति बहल (Deepti Bahal).
पुुलिस ने उसके ऊपर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. दीप्ति बहल के खिलाफ कई आपराधिक केस दर्ज हैं.
खास बात ये कि दीप्ति बहल बागपत के एक कॉलेज की प्रिंसिपल थी लेकिन 4 साल से फरार है. बताया तो जाता है कि उसने पीएचडी भी कर रखी है लेकिन पुलिस के लिए फिलहाल वह मोस्ट वांटेड है. जांच एजेंसियां उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है.
कौन है दीप्ति बहल, कहां की रहने वाली है?
लेडी डॉन के तौर पर कुख्यात हो चुकी दीप्ति बहल लोनी की रहने वाली है. बाइक बॉट घोटाले की मुख्य आरोपियों में से एक है. वह मास्टरमाइंड संजय भाटी की पत्नी है. जिसने बाइक टैक्सी वेंचर को बढ़ावा देने की आड़ में नोएडा से अभियान चलाया था. जांच एजेंसियां उसकी धोखाधड़ी के सूत्रों की पूरे राज्य में पड़ताल कर रही है.
मेरठ क्राइम ब्रांच का अनुमान है कि यह 4,500 करोड़ रुपये का मामला है. और इसको लेकर देश भर में 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. करीब 40 साल की दीप्ति 2019 में घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार है.
पुलिस ने अपनी जांच में बताया है कि दीप्ति बहल शादी से पहले बागपत में एक टीचर थीं. पड़ताल में पता चला है कि वह प्रिंसिपल के पद पर भी रह चुकी है. जानकारी तो ये भी सामने आ रही है कि दीप्ति ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी तक की है.
क्या है बाइक बॉट योजना?
इस योजना के तहत ग्राहकों को बड़ा लालच दिया गया था. मोटरसाइकिलों में उनके निवेश पर बड़े रिटर्न का वादा किया था. निवेशकों को एक बाइक के लिए 62,100 रुपये देने को कहा गया. कंपनी ने प्रति माह 5,175 रुपये की ईएमआई की पेशकश की और प्रति माह 4,590 रुपये प्रति बाइक का किराया तय किया. निवेशकों का विश्वास हासिल करने के लिए कंपनी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. ताकि ग्राहक समझे कि उसके पैसे सुरक्षित हैं.
बाद में ग्राहकों को धोखा देने के लिए कंपनी ने कहा कि ‘बाइक बॉट – जीआईपीएल द्वारा संचालित बाइक टैक्सी’ जैसे विज्ञापन बहुत जल्द संलग्न किए जाएंगे और जो लोग इसका लाभ उठाना चाहते हैं इस योजना में जल्द पैसा जमा करना चाहिए. इस तरह के विज्ञापनों पर करीब 2 लाख निवेशकों ने पैसा लगाया.
लेकिन रिटर्न नहीं मिलने पर 2019 में करीब दो लाख निवेशकों ने पुलिस से संपर्क किया और भाटी और उनकी फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज की. सीबीआई पूरे मामले में नोएडा के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है.
2010 में शुरू की थी कंपनी
ईकोनोमिक ऑफेंस विंग (EOW) के एक अधिकारी के मुताबिक यूपी पुलिस 2019 में हुए इस घोटाले की गंभीरता से जांच कर रही है. इस दौरान पुलिस को पता चला है कि दीप्ति के पति संजय भाटी और उसके परिवार के सदस्यों ने 20 अगस्त, 2010 को एक रियल एस्टेट कंपनी शुरू की थी, जिसका नाम था-गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (GIPL).
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक संजय भाटी ने अगस्त 2017 में भाटी ने अपनी फर्म के माध्यम से ‘बाइक बॉट-जीआईपीएल की बाइक टैक्सी’ योजना शुरू की और दीप्ति को कंपनी में एडीशनल डायरेक्टर बनाया गया.
दीप्ति की गिरफ्तारी को लेकर 2020 में EOW ने पहले 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी. मार्च 2021 में जांच एजेंसियों ने लोनी में उसके आवास को कुर्क कर दिया था. इससे पहले मेरठ में उसके घर की जब तलाशी ली गई तो पता चला कि वह करीब 10 साल पहले इस शहर को छोड़ चुकी थी.
पुलिस गर्वित इनोवेटर्स के नाम पर पंजीकृत वाहनों-एक रेंज रोवर और एक फॉर्च्यूनर-को जब्त कर चुकी है. अब तक 216 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है.
बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड, संजय भाटी और अन्य के खिलाफ दादरी पुलिस स्टेशन में दर्ज कई FIR के आधार पर घोटाले की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की. भाटी ने 2019 में सूरजपुर की एक स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. लेकिन उसकी पत्नी दीप्ति बहल फरार है.
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने बाइक बॉट घोटाले में दर्ज सभी मामलों को एक साथ करने का आदेश जारी किया था. ग्रेटर नोएडा में दर्ज सभी 118 मामलों और देश भर में दर्ज 150 से अधिक अन्य मामलों में दीप्ति का नाम है. मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए 31 लोगों और 13 कंपनियों को चार्जशीट में नामजद किया गया है.