जालंधर, एच एस चावला।
जालंधर कैंट पूरे भारत का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पर एक भी डस्टबिन नहीं है। इसका कारण यह नहीं कि यहां पर सफाई बहुत अधिक है। अपितु कैंट बोर्ड का यह मानना है की डस्टबिन लगाने से गाय उसमें मुंह मारती है। कूड़ा बीनने वाले उसमें से रद्दी निकालते हैं, जिससे गंदगी अधिक फैलती है। इन शब्दों का प्रगटावा कैंट क्षेत्र में रहने वाली एडवोकेट मनीषा जैन ने G INDIA NEWS के प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए किया।
एडवोकेट मनीषा जैन ने कहा कि No Cattle Zone वाले कैंट क्षेत्र में खुली घूमने वाली गायों व कूड़ा बीनने वालों का हल निकालने की बजाए इन्होंने लगभग 2 साल से कैंट के कूड़ेदान ही उठा दिए हैं। आप पूरे छावनी बाजार में घूम कर देख लीजिए किसी भी गली, नुक्कड़ अथवा चौक पर आपको एक भी कूड़ा दान नजर नहीं आएगा। माना कि सुबह शाम कैंट बोर्ड के अधिकारी कूड़ा इकट्ठा करने के लिए आते हैं। परंतु सवाल यह है कि यदि कोई बाजार में चिप्स चाट पकौड़ी खाएगा तो डिस्पोजल को कहां डालेगा? दुकानदार जो 10:00 बजे आकर दुकान खोलेंगे वह अपना कूड़ा कहां डालेंगे? जिस दिन कूड़े वाला छुट्टी पर होगा उस दिन ग्रहणीया अपने घर का कूड़ा कहां डालेंगी? त्योहारों का मौसम है लोग बाजारों में खरीदारी करने आएंगे संभवत है, कूड़ा कचरा भी अधिक होगा तो यदि बाजार में कोई कूड़ेदान ना होने के कारण यहां वहां कूड़ा डाला जाएगा उसका क्या समाधान है?
एडवोकेट मनीषा जैन ने कहा कि लोगों ने इसका समाधान यह निकाला है कि तुलसी मॉडल स्कूल, आर्य स्कूल, सब्जी मंडी की नुक्कड़ पर लोगों ने गमले रख दिए हैं ताकि वहां लोग गंदगी ना डालें। समस्या का समाधान अगर छावनी वासियों ने खुद ही करना है तो कैंट बोर्ड किस लिए है? सिर्फ टैक्स लगाने के लिए। 2 साल से हम इस समस्या का सामना कर रही हैं। परंतु किसी भी अधिकारी, काउंसलर ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
एडवोकेट मनीषा जैन ने कहा कि कूड़ेदान उठाना समस्या का समाधान नहीं है। समस्या और बढ़ गई है लोग अब रात को कहीं पर भी कूड़ा डाल देते हैं, यह तो बीमारियों को आमंत्रण है। कैंट बोर्ड से हम कैंट वासी यह है अपील करना चाहते हैं कि साफ और स्वच्छ वातावरण में रहना हमारा अधिकार है, जिसे लेकर कैंट बोर्ड प्रशासन इस समस्या का कोई ठोस उचित हल निकाले।
जब इस बारे में कैंट बोर्ड के सेनरटी सुप्रिडेंट सुरजीत कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भारत सरकार का आदेश है कि हर शहर को डस्टबीन फ्री सिटी बनाया जाए, जिस कारण पब्लिक प्लेस से डस्टबीन हटाए गये हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को आ रही इस समस्या को देखते हुए कमर्शियल एरिया से 500 गज की दूरी पर डस्टबीन लगाए जाएंगे, वहां जाकर लोग अपने घर का कूड़ादान कर सकते हैं।