
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इसको लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया समेत कई नेता व अधिकारी मौजूद थे. पीएम मोदी की इस मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की टेस्टिंग के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं. ये गाइडलाइन्स 24 दिसंबर से लागू होंगी.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय को स्वास्थ्य सचिव का यह पत्र पीएम मोदी की हाई लेवल मीटिंग के बाद आया है. सरकार ने गुरुवार को कहा कि विदेश से आने वाले यात्रियों का 24 दिसंबर से रैंडमली कोरोना टेस्ट किया जाएगा. कई देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा है.
फटाफट जानें नई गाईडलाइन्स
जो भी अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आ रहे हैं, उनका उस देश में वैक्सीनेशन जरूरी.
यात्रा में फ्लाइट के दौरान या फिर एयरपोर्ट पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी.
यात्रा के दौरान किसी भी मुसाफिर में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आईसोलेट किया जाएगा और उसे मास्क पहनना जरूरी होगा और दूसरे मुसाफिरों से अलग किया जाएगा और फिर आइसोलेशन फैसिलिटी में ट्रीटमेंट कराना होगा.
डी-बोर्डिंग के वक्त फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए पैसेंजर की जांच की जाएगी.
ऐसे मुसाफिर जिनकी स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण दिखेंगे उन्हें तुरंत आईसोलेट किया जाएगा. फिर मेडिकल फैसिलिटी में प्रोटोकॉल के तहत ले जाया जाएगा.
फ्लाइट के कुल यात्रियों के 2 फीसदी के रैंडम कोरोना सैम्पल लिए जाएंगे.
अलग अलग देशों से आने वाले इन यात्रियों की पहचान सम्बंधित एयरलाइन करेगा.
ऐसे यात्री अपना सैम्पल देने के बाद ही हवाई अड्डे से बाहर निकल सकेंगे.
सम्बंधित टेस्टिंग लैब को मरीज के पॉजिटव होने की जानकारी आईडीसीपी ( IDSP) को देनी होगी जिससे कि सम्बंधित राज्यों को इसकी जानकारी दी जा सके.
पॉजिटिव सैम्पल को जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजना होगा.
2% यात्रियों का होगा कोरोना टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि फ्लाइट में कुल जितने यात्री होंगे, अराइवल के बाद उनमें से दो फीसदी लोगों का रैंडम कोरोना टेस्ट किया जाएगा. लेटर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि फ्लाइट में टेस्टिंग के लिए यात्रियों की पहचान संबंधित एयरलाइनों द्वारा की जाएगी. चिन्हित यात्री अपने सैंपल को एयरपोर्ट पर जमा कराएंगे. इसके बाद उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने की अनुमति दी जाएगी.
टेस्ट में अगर कोई भी यात्री कोरोना से संक्रमित पाए जाते हैं तो रिपोर्ट की एक कॉपी आगे की कार्रवाई के लिए उनके संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के साथ साझा की जाएगी. इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनके सैंपल को जीनोम टेस्टिंग के लिए भेजा जाना चाहिए.