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सरकार बदल गयी,साल बदल गया मगर कुछ बदला नही बदला तो पंजाब टोल कर्मिओ के हालत 

साल बदल गया सरकार बदल गयी अगर कुछ बदला नही ओ है पंजाब टोल कर्मिओ की हालत
जैसा आप सब ने कही न कही सोशल मिडिया के माध्यम से  सुना ही होगा की पिछले वर्ष सरकार और किसानों के बीच 3 कृषी  कानून के बीच जंग शुरु हुयी थी जो की लगभग 15 महीने तक चलती रही न तो सरकार को इतना कुछ फर्क पड़ा न हि किसानों को लेकिन जो कर्मचारी पंजाब टोल टैक्स पे काम  करते है उनके हालत  बहुत बुरे हो गये थे आप सब ने सुना होगा की जब किसान से अपनी मागो को लेकर जंग लड़ रहे थे तो उनके द्वारा जो नारा दिया जाता था किसान मजदूर एकता जिन्दाबाद  अब सवाल इस बात  का है अगर किसान मजदूर एकता का नारा दिया जा रहा है तो फिर ये जो टोल प्लाजा  मे मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहे है ये भी तो  एक मजदुर्  हि है तो इन्को अलग कैसे समझा जा सकता है अगर किसानों को अपनी किसी माग को सरकार से मगवाना हि है तो इसका ये मतलब ये  नही की आप टोल बंद करके  हि अपनी बात  मनवा पाएंगे क्युकि  पंजाब जैसे छोटे से राज्य मे इतने अधिक टोल प्लाजा भी नही है की सरकार के बजट पर बहुत अधिक गहरा फर्क पड़ेगा तो फिर ऐसे आंदोलन का असर टोल प्लाजा बंद करने से नही निकला जा सकता और चलिए किसी तरह ये टोल कार्मचारी  आपकी अपनी लड़ाई समझ के आपके साथ 15 महीने तक टोल प्लाजा बंद रखे लेकिन अपने फिर से 15 दिसम्बर से टोल प्लाजा बंद करके फिर एक बार  किसान मजदूर एकता  के नारे को गलत साबित कर दिया जितने  किसान  किसान  आंदोलन मे भाग ले रहे है कोई एक किसान आकर बोल दे की उसने अपनी खेती को बिना बीज  डाले वैसे छोड़ रखा हो आप अपने काम तो टाइम मे करके फुरसत होकर सीधा टोल प्लाजा मे आकर बैठ के काजू बादाम  का नास्ता करते है तो फिर टोल प्लाजा मे लगे मजदूर भाइयों  के लिए आपके दिल मे क्या है जिसकी इसी  मजदूरी से उसके घर का चूल्हा. जलता है और इसी मजदूरी से उसका बच्चा स्कूल जाता है अगर ये बात  किसान भाइयों के समझ मे न आयी और पंजाब मे ऐसे आंदोलन टोल प्लाजा होते रहे तो ओ दिन भी दूर नही जब सरकार द्वारा यहां से सायद टोल प्लाजा हि ख़तम कर दिये जाये और लाखो लोग इस किसान आंदोलन का शिकार  होकर बली का बकरा बन जाये अगर आपकी लड़ाई सरकार से है सरकार की नीतिओं से है तो फिर करिये आंदोलन सरकार के दफ्तर घेरिये संसद  भवन का घेराव कीजिये जहा से आपको कुछ परिणाम मिलना हो टोल प्लाजा बंद करने से आपकी मागो को कभी ध्यान नही दिया जायेगा पंजाब सरकार इसमें कोई एक्शन क्यु नही ले रही है समझ के परे है ये बिषय अगर राज्य सरकार को ये लगता हों  की टोल प्लाजा का पुरा बजट केन्द्र  सरकार को जाता है तो हम क्यु एक्शन ले तो इसमें भी बड़ा सोचनीय विषय है की भाई पंजाब की जानता ने आप को चुना है तो फिर उनकी सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी आपकी बनती है की किसी भी मजदूर का रोजगार न जाये और ओ बेरोजगार न रहे इसलिए मेरा सवाल उन किसान नेताओं से जो अपने आप को किसान मजदूर हिताशी बताते है और उस पंजाब सरकार से जो पूरे राज्य की गतविधियों  मे नजर रखती है और सवाल उस केन्द्र सरकार से भी है की अगर आप कोई ऐसा कानून लेकर आये जो किसानों के हित मे है और किसान उसको अपना अहित समझ  रहे तो आप तत्काल प्रभाव से उसमे संशोधन करे या उसे पुरी तरह से ख़त्म करे नही तो जानता से बड़ा न किसान आंदोलन है न राज्य सरकार्ये है ओर न केन्द्र सरकार इसलिए हालत को देखते हुए सभी जिम्मेदारों को इसमे तत्काल प्रभाव से निर्णय लेना चाहिए
                        स्वतंत्र लेखक
                        सागर मिश्रा
                        मानिकपुर चित्रकूट

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