कहा – लोगों को सस्ती दरों पर मिलेगी जैनरिक और मानक दवाएं
जालंधर, एच एस चावला।
मरीजों को सस्ती दरों पर जैनरिक और मानक दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए बुधवार को हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में जालंधर के सिविल अस्पताल में जन औषधि स्टोर खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
स्थानीय जिला प्रशासकीय परिसर में रोगी कल्याण समिति की बैठक के दौरान मौजूद जालंधर के केंद्रीय विधायक रमन अरोड़ा ने सिविल अस्पताल में जन औषधि स्टोर खोलने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पहल से लोग महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर नहीं होंगे । सस्ती दरों पर जैनरिक और मानक दवाएं मिलने से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। समिति को सहयोग का आश्वासन देते हुए विधायक ने कहा कि सिविल अस्पताल में जन औषधि स्टोर खोलने में हर संभव मदद की जाएगी, ताकि लोगों को यह सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध हो सके।
डिप्टी कमिशनर जसप्रीत सिंह ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के कल्याण के लिए रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है, जिसके तहत मिलने वाली राशि को केवल जरूरतमंद मरीजों के कल्याण के लिए ही खर्च किया जाए। बैठक के दौरान लोगों विशेषकर मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में साइनेज लगाने के साथ-साथ अस्पताल में पार्क और प्रवेश द्वार को सुंदर बनाने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा मातृ –शिशु स्वास्थ्य केंद्र सिविल अस्पताल में आने वाले लोगों के बैठने की व्यवस्था को और बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डा. रमन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभिभावक-बाल स्वास्थ्य केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम चल रहा है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (ज) मेजर अमित सरीन, डिप्टी मैडीकल कमिशनर डा. ज्योति शर्मा, मैडीकल सुपरडैंट डा. राजीव शर्मा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
नशामुक्ति केंद्रों व पुनर्वास केंद्रों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की गई। जिला नशामुक्ति एवं पुनर्वास समिति की गर्वनिंग बाडी की बैठक दौरान विधायक रमन अरोड़ा व डिप्टी कमिशनर जसप्रीत सिंह ने नशामुक्ति केंद्रों, पुनर्वास केंद्रों के प्रदर्शन की समीक्षा की और कहा कि नशा करने वालों के जीवन में बदलाव लाने में ये केंद्र बेहद मददगार साबित हो रहे है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जा रहे इलाज से प्रभावितों को नशा मुक्ति में मदद मिल रही है।
इस बीच सिविल सर्जन ने कहा कि जिले में 26 नए आउट पेशेंट ओपीओडी असिस्टेड ट्रीटमेंट (ओट) केंद्र स्थापित किए गए है, जबकि 11 केंद्र पहले से ही काम कर रहे है। ओट केद्रों में 16820 नशा करने वालों को रजिस्टर कर नि:शुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सिविल अस्पताल जालंधर में 50 बिस्तर वाला नशामुक्ति केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नूरमहल में 10 बिस्तर वाला नशामुक्ति केंद्र और गांव शेख में पुनर्वास केंद्र भी नशामुक्ति केंद्र चला रहा है। इस बीच डिप्टी कमिशनर ने पुनर्वास केंद्र में सुरक्षा गार्ड और वार्ड अटेंडेंट की मांग पर भी सहमति जताई।