महाराष्ट्र के जालना शहर से प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. अस्पताल में डिलिवरी के बाद 26 वर्षीय महिला मरीज की मौत के मामले में पुलिस ने स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सरकारी डॉक्टरों की समिति की तरफ से लापरवाही के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद यह मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को मामले की जांच करने वाले राजकीय अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज (जीएचएमसी) औरंगाबाद के वरिष्ठ डॉक्टरों की समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि डॉक्टर महिला रोगी को डिलिवरी के बाद अनुभवहीन नर्सों के हवाले छोड़कर सुबह की सैर के लिए चली गई थी
पुलिस ने कहा कि मरीज नेहा लिधौरिया की 13 अप्रैल को प्रसव के बाद रक्तस्राव (पीपीएच) या खून की भारी कमी के कारण मृत्यु हो गई. महिला को प्रसव के लिए 13 अप्रैल 2022 को जालना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारी ने कहा, ‘उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. 13 अप्रैल की सुबह डिलिवरी के बाद उसके शरीर में खून की कमी हो गई, जबकि डॉक्टर उसे अनुभवहीन नर्सों के भरोसे छोड़कर सुबह की सैर के लिए निकल गई. डॉक्टर और नर्सों ने महिला को खून की जरूरत के बारे में नहीं बताया.’
उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर ने महिला की स्थिति और खून की आवश्यकता के बारे में उचित जानकारी नहीं दी. इसके परिणामस्वरूप, अत्यधिक रक्त हानि के कारण उसकी मौत हो गई.’ रोगी के पति ने सरकारी जिला अस्पताल में शिकायत दर्ज कराकर अपनी पत्नी की मौत की जांच की मांग की. इसके बाद शिकायत को जीएमसीएच समिति के पास भेज दिया गया. अधिकारी ने कहा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है.