
यह जोड़ी अक्सर अपने काम को लेकर चर्चा में रहती है. नितिन भदौरिया ने स्वाति के लिए डीएम का पद छोड़ दिया था. इसके बाद दोनों की किस्मत पलटी और फिर पति-पत्नी दोनों डीएम बन गए.
इस ब्यूरोक्रेट कपल ने अपने बेटे का एडमिशन महंगे प्राइवेट स्कूल की बजाए आंगनबाड़ी केंद्र में दाखिला कराकर उदाहरण पेश किया है. बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में कराने के लिए आईएएस स्वाति भदौरिया खुद पहुंची थीं.
नितिन भदौरिया 2011 बैच के आईएएस अफसर हैं. जबकि स्वाति भदौरिया 2012 बैच की हैं. पहले प्रयास में स्वाति का सेलेक्शन एक नंबर की कमी से नहीं हो सका था. इसके बाद साल 2012 में उन्होंने ऑल इंडिया 74वीं रैंक के साथ छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस बनीं.
आईएएस बनने के बाद स्वाति भदौरिया और नितिन भदौरिया ने शादी की. शादी के बाद स्वाति ने छत्तीसगढ़ कैडर से उत्तराखंड कैडर में ट्रांसफर ले लिया. इस जोड़ी ने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है.
नितिन भदौरिया को साल 2016 में पिथौरागढ़ का डीएम बनाया गया था. लेकिन उस वक्त उनकी पत्नी स्वाति प्रेगनेंट थीं. जिसके चलते उन्होंने डीएम का पदभार ग्रहण नहीं किया. फिर उन्हें एसडीओ बनाया गया









