
मोहल्ला नंबर 30 में स्थित स्वीपर मंदिर का नाम बदलकर “भगवान वाल्मीकि मंदिर” होगा , वाल्मीकि संस्थाओं ने पुनीत भारती शुक्ला का आभार जताया
जालंधर कैंट, एच एस चावला।
कैंटोनमेंट बोर्ड जालंधर की बैठक आज बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर संजोग नेगी की अध्यक्षता में बोर्ड कार्यालय में हुई। इस बैठक में भारत सरकार की ओर से मनोनीत सिविल सदस्य पुनीत भारती शुक्ला, सीईओ रामस्वरूप हरिताल के अलावा बोर्ड के विभिन्न विभागों के हैड मौजूद थे।
बैठक में 14 मुद्दों में से मुख्य मुद्दा छावनी में वाटर टैक्स, सीवरेज टैक्स, हाउस टैक्स, वाटर चार्जेस के ईलावा 159 तरह के कारोबारियों पर कैंटोनमेंट एक्ट के प्रावधान के अनुसार 2016 के बाद टैक्स बढ़ाने का मुद्दा शामिल था, परंतु सिविल सदस्य पुनीत भारती शुक्ला ने कैंट वासियों के हक में आवाज़ उठाते हुए बोर्ड अध्यक्ष से गुजारिश की छावनी में लोगों के पास अपना मकान और अपनी अपनी दुकान है, इसके विपरीत यहां व्यापार पिछले कुछ समय से बहुत मंद गति से चल रहा है क्योंकि बाहर आसपास के कस्बों में बहुत बड़े बड़े कारोबार शुरू हो गए हैं, यहां के व्यापारी खर्चा कम होने की वजह से जिंदा है, मुझे समय दिया जाए ताकि बोर्ड की आय भी बढ़ सके व व्यापारियों पर कम से कम बोझ पड़े। इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए बोर्ड अध्यक्ष ने 22 सितंबर को मीटिंग करने के लिए कहा।
इसके अलावा मोहल्ला नंबर 30 में स्थित स्वीपर मंदिर जोकि कैंटोनमेंट बोर्ड के सभी रिकार्डों में जमादार मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस पर पुनीत भारती शुक्ला ने वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि इस मंदिर का नाम बदलकर “भगवान वाल्मीकि मंदिर” रख देना चाहिए क्योंकि मौजूदा नाम हमें आहत करता है, जिस पर बोर्ड अध्यक्ष से वासियों ने सहमति जताई। आने वाले समय में इस मंदिर का नाम स्वीपर मंदिर की जगह “भगवान वाल्मीकि मंदिर” होगा। इस पर वाल्मीकि संस्थाओं ने पुनीत शुक्ला का आभार जताया।
इसके अलावा सफाई कर्मचारियों के जूते और कपड़ों की खरीदारी के मुद्दों को पास किया गया, साथ ही साथ भूर मंडी में 35 लाख की लागत से स्कूल के निर्माण की बात की गई।
पुनीत भारती शुक्ला ने कहा कि पिछले समय में वाटर चार्जेस और वाटर रेट का मुद्दा जोकि पेंडिंग पड़ा है, उसे उसके तथ्यों की जानकारी लेकर वाराणसी की तर्ज पर छावनी में भी यह कर माफ किया जाए।
पुनीत भारती शुक्ला ने इंजीनियरिंग ब्रांच पर आरोप लगाए कि छावनी में बहुत सी जगह बाथरूम और शौचालय के नाम पर इस ब्रांच में बहुत बड़ी ठेकेदारों के साथ मिली भगत है। इस पर निगाह रखने की जरूरत है, साथ ही सिविल सदस्य ने छावनी बोर्ड द्वारा की जाने वाली खरीद के लिए वेरिफिकेशन बोर्ड कमेटी गठित करने की भी मांग की।








